Description
विद्या की देवी वीणापणि माँ सरस्वती की स्तुति हेतु संकलित ये वंदनाएँ गेय भी हैं और प्रेरणादायी भी।
महाप्राण निराला और राष्ट्रकवि दिनकर से लेकर नवोदित कवियों तक का यह संकलन हिंदी साहित्य में एक नया सोपान है, एक नई उपलब्धि है । पुस्तक में कुल सत्तानबे प्रतिष्ठित कवियों की चुनी हुई वाग्देवी माँ सरस्वती की वंदनाएँ हैं । ‘ सरस्वती वंदना शतक ‘ में संकलित सरस्वती चालीसा, सरस्वती महिम्न स्तोत्र और सरस्वती सहस्रनाम पुस्तक की उपादेयता को बढ़ा रहे हैं । भन्न- भन्न लय -छंदों में रचित इन वंदनाओं का वशिष्ट सांगीतिक महत्त्व है । यह पुस्तक विद्यालयों, महाविद्यालयों, पुस्तकालयों, विद्यार्थियों, शिक्षको, विद्वानों, साहित्यकारों हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसा हमारा विश्वास है ।