Jo Sahata Hai Wahi Rahata Hai (जो सहता है वही रहता है)

By Acharya Mahapragya (आचार्य महाप्रज्ञ)

Jo Sahata Hai Wahi Rahata Hai (जो सहता है वही रहता है)

By Acharya Mahapragya (आचार्य महाप्रज्ञ)

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Specifications

Genre

Philosophy

Print Length

190 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789350480441

Weight

345 Gram

Description

विचार के मैल दूर करने, विचार को निर्मल बनाने का एक ही उपाय है कि निर्विचार की आग में विचार को डाल दिया जाए, वह अपने आप निर्मल हो जाएगा| विचार के सारे मैल साफ हो जाने के बाद उसमें से सृजनात्मकता, विधायकता, ज्योति और आस्था निकलेगी| किसी के कहने से कोई चोर नहीं बनता और किसी के कहने से कोई साधु नहीं बनता| आत्मा स्वयं को जानती है कि मैं चोर हूँ या साहूकार हूँ| ग्रंथ या पंथ का धर्म बड़ा नहीं होता| धर्म वह बड़ा होता है, जो हमारे जीवन के व्यवहार में उपलब्ध होता है| आधुनिक अर्थशास्‍‍त्र ने आसक्‍ति की चेतना को बहुत उभारा है| उससे भूख की समस्या का समाधान तो हुआ है, किंतु आर्थिक अपराधों में भारी वृद्धि हुई है| अमीरों की अमीरी बढ़ी है, लेकिन उसी अनुपात में गरीबों को उतनी सुविधाएँ नहीं मिली हैं| केवल अतीत के सुनहरे सपने दिखानेवाला धर्म चिरजीवी नहीं रह सकता| वही धर्म स्थायी आकर्षण पैदा कर सकता है, जो वर्तमान की समस्या को सुलझाता है| -इसी पुस्तक से विश्‍वप्रसिद्ध धर्मगुरु आचार्यश्री महाप्रज्ञ के विशद ज्ञान के कुछ रत्‍नदीप इस पुस्तक में सँजोए हैं, जो हमारे जीवन-पथ को आलोकित करेंगे| आचार्य महाप्रज्ञ ने हर एक विषय पर अपनी लेखनी चलाई, विविध विषयों को प्रवचन का आधार बनाया| दस वर्ष की अवस्था में संसार को त्यागनेवाले एक धर्मगुरु सामाजिक, आर्थिक और व्यक्‍तिगत स्तर पर आनेवाली समस्याओं का स्टीक समाधान प्रस्तुत करें तो यह महान् आश्‍चर्य है| यह काम आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने अपनी प्रज्ञा जागरण से किया| लोगों के मानस में यह विश्‍वास जमा हुआ था कि जिस समस्या का समाधान अन्यत्र न मिले, वह समाधान आचार्यश्री महाप्रज्ञ के पास अवश्य मिल जाएगा| बड़े-बड़े चिंतक, दार्शनिक, धर्मगुरु एवं राजनीतिज्ञ सब इस आशा से उनके पास आते थे कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ एक ऐसे शख्स हैं, महापुरुष हैं, जो संपूर्ण विश्‍व का मार्गदर्शन कर सकते हैं| आचार्य महाप्रज्ञ की प्रस्तुत पुस्तक ‘जो सहता है, वही रहता है’ युवा पीढ़ी को नई दिशा देनेवाले सूत्रों को सँजोए हुए है| ये सूत्र युवाओं के जीवन-निर्माण में चामत्कारिक ढंग से कार्य करेंगे, जिससे युवा जोश के साथ होश को कायम रख सकेंगे और अपने सोचने के तरीके को सम्यक् बना सकेंगे|


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