Rashtra Prem Ki Kahaniyan (राष्ट्रप्रेम की कहानियाँ)

By Acharya Mayaram Patang (आचार्य मायाराम पतंग)

Rashtra Prem Ki Kahaniyan (राष्ट्रप्रेम की कहानियाँ)

By Acharya Mayaram Patang (आचार्य मायाराम पतंग)

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Specifications

Print Length

159 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789380823911

Weight

310 Gram

Description

प्रस्तुत पुस्तक में दी गई कहानियाँ न तो मौलिक हैं, न काल्पनिक, बल्कि सच्ची एवं प्रामाणिक घटनाओं पर आधारित हैं| राष्‍ट्र से बड़ी चीज कोई नहीं है| राष्‍ट्र के प्रति यदि सम्मान नहीं है तो मनुष्य जीवन में किसी भी चीज का सम्मान नहीं कर सकता| लंका विजय के बाद महाबली रावण को परास्त कर जब श्रीराम विजयी हुए तो विभीषण ने उन्हें उपहार-स्वरूप जीती गई लंका देनी चाही| इस पर श्रीराम ने कहा-‘अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते जननी जन्मभूम‌ि‍श्‍च स्वर्गादपि गरीयसी|’ यानी सोने की लंका का आकर्षण भी श्रीराम को मातृभूमि को लौटने के संकल्प से न डिगा पाया| ऐसे सैकड़ों उदाहरण उपलब्ध हैं जब राष्‍ट्र के लिए, राष्‍ट्रवासियों के लिए हजारों-हजार लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी| राष्‍ट्र-प्रेम केवल युद्ध में प्राण देकर नहीं बल्कि सकारात्मक योगदान करके प्रदर्शित किया जा सकता है| स्वदेश, स्वभाषा, स्वजन-इन सबके प्रति आदर और समर्पण ही सच्चा राष्‍ट्रप्रेम है| राष्‍ट्रभक्‍ति और राष्‍ट्रप्रेम से ओत-प्रोत कहानियों का प्रेरणाप्रद संकलन, जिसके पढ़ने से निश्‍चय ही एक बेहतर राष्‍ट्र बनाने का संकल्प पूरा होगा|


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