Jeevan Gita (जीवन गीता)

By Devmuni Shukla (देवमुनि शुक्ल)

Jeevan Gita (जीवन गीता)

By Devmuni Shukla (देवमुनि शुक्ल)

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Specifications

Print Length

200 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2010

ISBN

9788177211115

Weight

375 Gram

Description

श्रीमद‍्भगवद‍्गीता भारतीय वाड‍्मय का पवित्र एवं अत्यंत लोकप्रिय ग्रंथ है| विश्‍व की अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है; इसकी अनेक टीका एवं समीक्षाएँ लिखी गई हैं| आदि शंकराचार्य से लेकर विनोबा भावे तक अनेक विद्वानों और संत-महात्माओं ने गीता पर भाष्य लिखे| लोकमान्य तिलक ने गीता को निष्काम कर्मयोग का आधार-ग्रंथ प्रतिपादित किया| गीता का धर्म कर्तव्य का द्योतक है| इसके अनुसार शरीर, इंद्रिय, मन और बुद्धि सभी के कर्तव्य निश्‍च‌ित हैं| मानव शरीर जीवात्मा का परिधान मात्र है| इसमें निष्काम कर्म और संपूर्ण समर्पण के साथ परमात्मा की शरण में जाने पर जीवन की मुक्‍त‌ि का मार्ग दिखाया गया है| श्रीमद‍्भगवद‍्गीता में आचार की पवित्रता, पाखंड का त्याग, सच्ची निष्‍ठा, फल की इच्छा न रखते हुए कर्तव्य-पालन तथा अहंकार का त्याग कर उत्कृष्‍ट नैतिक मूल्यों के अनुपालन का निर्देश दिया गया है| श्री देवमुनि शुक्ल ने सरस और प्रवाहमय भाषा में इसका पद्यानुवाद करके इसे ‘जीवन-गीता’ का रूप दिया है| आशा है, सुधी पाठक गीता को पद्य रूप में हृदयंगम कर इसके आदर्श गुणों को अपनाकर अपने उद्धार का मार्ग प्रशस्त करेंगे|


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