Ek Tha Aadmi (एक था आदमी)

By Dinkar Joshi (दिनकर जोशी)

Ek Tha Aadmi (एक था आदमी)

By Dinkar Joshi (दिनकर जोशी)

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Specifications

Print Length

159 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2018

ISBN

9789380183596

Weight

320 Gram

Description

मैं हक्का-बक्का रह गया| वह मछली ही थी| मछली के सिवा ऐसा कोई हँस ही नहीं सकता| थोड़ी ज्यादा लंबी हो गई थी| बदन हृष्‍ट-पुष्‍ट हो गया था| कुछ श्‍याम हो गई थी| घुटनों तक पहुँचने वाले बाल सूखे थे| ''मुझे पहचाना नहीं?’ ’ कहकर मछली फिर से हँसी| ''कल बड़े चाचा आए थे| तुम सब आए हो, ऐसी खबर दी| मुझे लगता ही था कि तुम आओगे|’ ’ ''बहुत साल बीत गए, नहीं?’ ’ मैंने कहा| बाद में आगे बताया, ''रामगर महाराज स्वर्ग सिधार गए, यह समाचार मुझे आज ही मिला|’ ’ मछली ने आसमान की ओर उँगली दिखाई, बाद में त्रिशूल के सामने देखकर बोली, ''पिताजी का त्रिशूल वैसी ही स्थिति में सँभालकर रखा है|’ ’ ''तब से...तब से...’ ’ मैं थोड़ा हिचकिचाया| उसे अब 'तू’ कैसे कह सकता हूँ? 'मछली’ कहकर भी संबोधन नहीं कर सकता| ''यहाँ कौन रहता है?’ ’ जवाब जानता था, उसके बावजूद सवाल पूछ बैठा| ''रक्षा करती हैं जगदंबा माता और आसपास की देखभाल में मेरा समय बीत जाता है|’ ’ -इसी संग्रह से भारतीय समाज में व्याप्‍त बुराइयों, विसंगतियों, पारिवारिक उलझनों, सामाजिक मान्यताओं एवं परंपराओं, उनके आदर्शों का यथार्थ चित्रण पेश करती भावपूर्ण व रोचक कहानियाँ| "


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