Main Gandhi Bol Raha Hoon (मैं गांधी बोल रहा हूँ)

By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

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By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

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Specifications

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2014

ISBN

9789380823171

Weight

255 Gram

Description

बीसवीं शती को जिस अनोखे महापुरुष ने सबसे अधिक प्रभावित किया, वह महात्मा गांधी आज धरती पर नहीं हैं, लेकिन सत्य, अहिंसा और सुराज के आजीवन पुजारी का नवजीवन-संदेश आज भारत की सीमाओं से निकलकर सारे संसार को अनुप्राणित कर रहा है| न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक पराधीनता की बेड़ियों से भी अपने देश को मुक्त कराने के लिए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया| हिंसा को अहिंसा से और अन्याय को शांतिमय सत्याग्रह से हराने का अनोखा तरीका अपनाकर उन्होंने अत्याचारी अंग्रेज शासन की नींव हिला दी| समाज-सुधारक और विचारक के रूप में भी उनका योगदान अनुपम है| भारतीय समाज के संपूर्ण विकास के लिए उन्होंने व्यक्तिगत उत्थान, विशेष रूप से आत्मिक उत्थान पर बल दिया| जातिवाद, छुआछूत, परदा-प्रथा, बहु-विवाह, विधवाओं की दुर्दशा, नशाखोरी और सांप्रदायिक भेदभाव जैसी अनेक सामाजिक बुराइयों के सुधार हेतु रचनात्मक संघर्ष किया और राष्ट्रीय एकता के लिए हिंदी को ‘राष्ट्रभाषा’ घोषित किया| यद्यपि स्वतंत्रता और लोकतंत्र के इतने वर्षों में हम बहुतेरे सामाजिक-राजनैतिक झंझावात झेल चुके हैं, पुरानी परिभाषाएँ और मुहावरे बहुत कुछ बदल चुके हैं, किंतु गांधी-दर्शन आज भी भारतीय समाजोन्नति और विश्वशांति का शुभ संदेश दे रहा है| यह पुस्तक उसी संदेश को प्रसारित करने का एक विनम्र प्रयास है| महात्मा गांधी के प्रेरक चिंतनशील विचारों का अनुपम संकलन|


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