Tirange Ki Gaurav Gatha (तिरंगे की गौरव गाथा)

By K.V. Singh (के. वी. सिंह)

Tirange Ki Gaurav Gatha (तिरंगे की गौरव गाथा)

By K.V. Singh (के. वी. सिंह)

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Specifications

Print Length

195 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789351868248

Weight

0.8 Pound

Description

किसी भी देश का राष्‍ट्रीय ध्वज उसका सर्वाधिक समादृत प्रतीक होता है। देश का हर व्यक्‍ति—चाहे राष्‍ट्रपति हो या प्रधानमंत्री अथवा सामान्य जन—सभी अपने राष्‍ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं। राष्‍ट्रीय ध्वज कहा जानेवाला कपड़े का यह टुकड़ा पूरे राष्‍ट्र, उसकी गरिमा एवं प्रतिष्‍ठा का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के गौरव का प्रतीक तिरंगा ध्वज अब लगभग साठ वर्ष का होने जा रहा है। यदि हमारे राष्‍ट्र को कोई एकता के सूत्र में बाँध सकता है तो वह हमारा राष्‍ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ ही है, जिसका न कोई अपना धर्म है और न ही कोई देश या प्रदेश। इसलिए आज देश के लिए तिरंगे से अच्छा और सच्चा प्रेरणा-स्रोत अन्य क्या हो सकता है! एक समय था जब भारतीय नागरिक राष्‍ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं कर सकते थे, पर आज हमें संवैधानिक रूप से इसे फहराने का अधिकार प्राप्‍त है। हमारे देशवासी अब तिरंगे को मात्र 15 अगस्त व 26 जनवरी के दिन ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन फहरा सकते हैं और देशप्रेम की अपनी भावना का प्रकटीकरण कर सकते हैं। प्रस्तुत पुस्तक की रचना का उद‍्देश्य पाठकों को अपने देश के राष्‍ट्रीय ध्वज का संपूर्ण परिचय देना और इसके प्रति यथोचित सम्मान प्रकट करने को प्रेरित करना है। विश्‍वास है, ‘तिरंगे की गौरव गाथा’ पढ़कर पाठकगण भारत के गौरव को पहचानेंगे और इसकी रक्षा के लिए तन-मन-धन से समर्पित होने को सन्नद्ध होंगे।


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