Hamesha Der Kar Deta Hoon Main (हमेशा देर कर देता हूं मैं)

By Pankaj Subeer (पंकज सुबीर)

Hamesha Der Kar Deta Hoon Main (हमेशा देर कर देता हूं मैं)

By Pankaj Subeer (पंकज सुबीर)

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Specifications

Print Length

192 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2021

ISBN

9788195297535

Weight

272 Gram

Description

आज जब बीसवीं सदी के अनुभव इक्कीसवीं सदी के यथार्थ से टकरा रहे हैं, तो समाज में बहुत से सवाल और संघर्ष खड़े हो रहे हैं। ऐसे ही कुछ सवाल हमेशा देर कर देता हूं मैं में पंकज सुबीर पूछते हैं और उभरते संघर्षों को संवेदना के धागों में पिरो कर पाठक के सम्मुख रखते हैं। इन कहानियों में जहाँ एक तरफ़ वे रूढ़िवाद, कट्टरता, स्टीरियोटाइपिंग जैसी समाज विरोधी प्रवृत्तियों से टकराते हैं, वहीं दूसरी तरफ़ अपने भीतर के लेखक मन की विभिन्न परतों की भी निरंतर जाँच करते हंै। लेखक के रचनाकर्म पर यदि नज़र डालें तो यह बात साफ़ समझ में आती है कि उनकी कहानियों में हमारे समय का यथार्थ अंकित ही नहीं होता; बल्कि इसका व्यापक परिवेश अपने पूरे विस्तार में उपस्थित होता है। हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में पंकज सुबीर सुपरिचित नाम है। उनके अब तक तीन उपन्यास, सात कहानी-संग्रह, दो ग़ज़ल-संग्रह और एक यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का संपादन भी किया है। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें विशेष हैं - ‘वनमाली कथा सम्मान’, ‘कमलेश्वर सम्मान’, ‘ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार’, ‘अंतर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’, ‘व्यंग्य यात्रा सम्मान’। इनका संपर्क है: ईमेल: subeerin@gmail.com मोबाइल: 09977855399


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