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Specifications

Print Length

535 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789350484364

Weight

605 Gram

Description

अगर आप आत्मविश्‍वास से भरपूर हैं और फौलादी इरादोंवाले हैं, फिर किसी की जुर्रत नहीं जो आपके मार्ग की बाधा बने| आत्मविश्‍वास वह सुरक्षा कवच है, जो हर तरह की बाधाओं के विरुद्ध आपकी रक्षा करता है, और सदैव आपको सफलता के मार्ग की ओर अग्रसर करता है| प्रश्‍न उठता है कि आत्मविश्‍वास पैदा कैसे हो? उत्तर है-इसके लिए हमारे इरादे मजबूत होंने चाहिए| मजबूत इरादे ही आत्मविश्‍वास पैदा करते हैं| इरादों का लचीलापन, सोच की कमजोरी, असमंजसता आदि वे अवगुण हैं, जो हमारे आत्मविश्‍वास को दरकाते हैं, अस्थिरता लाते हैं और हमें अवनति की ओर धकेलते हैं| इसलिए हमें पूरे आत्मविश्‍वास के साथ समर्पित भाव से अपने कर्म करने चाहिए, फिर निश्‍च‌ित ही परिणाम सकारात्मक होंगे| जो लोग यह कहते हैं कि मैं अमुक काम नहीं कर सकता, उनका आत्मविश्‍वास निश्‍च‌ित ही डिगा हुआ है| वे लोग जीवन में सफलता से कोसों दूर हैं| जिनके पास आत्मविश्‍वास रूपी किला होता है, वह कभी भी स्वयं को असुरक्षित महसूस नहीं करता| आत्मविश्‍वास विकसित करने की प्रेरणा देने वाली पठनीय पुस्तक |


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