Pratham Vishwa Yuddha (प्रथम विश्व युद्ध)

By Rajpal Singh (राजपाल सिंह)

Pratham Vishwa Yuddha (प्रथम विश्व युद्ध)

By Rajpal Singh (राजपाल सिंह)

$13.67

$15.04 10% off
Shipping calculated at checkout.

Specifications

Print Length

248 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2018

ISBN

9789381063439

Weight

500 Gram

Description

औद्योगिक क्रांति के कारण सभी बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ से वे कच्चा माल पा सकें तथा मशीनों से बनाई हुई वस्तुएँ बेच सकें| इस उद‍्देश्‍य की प्राप्‍ति के लिए सैनिक शक्‍ति बढ़ाई गई और गुप्‍त कूटनीतिक संधियाँ की गईं| इससे राष्‍ट्रों में अविश्‍वास और वैमनस्य बढ़ा और युद्ध अनिवार्य हो गया| ऑस्ट्रिया के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्क ड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्‍नी की हत्या इस युद्ध का तात्कालिक कारण था| ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध घोषित कर दिया| रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने सर्बिया की सहायता की और जर्मनी ने ऑस्ट्रिया की| यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ्रीका तीन महाद्वीपों और जल, थल तथा आकाश में लड़ा गया| प्रारंभ में जर्मनी की जीत हुई| 1917 में जर्मनी ने अनेक व्यापारी जहाजों को डुबोया| इससे अमरीका ब्रिटेन की ओर से युद्ध में कूद पड़ा, किंतु रूसी क्रांति के कारण रूस महायुद्ध से अलग हो गया| सन् 1918 में ब्रिटेन, फ्रांस और अमरीका ने जर्मनी आदि राष्‍ट्रों को पराजित किया| जर्मनी और ऑस्ट्रिया की प्रार्थना पर 11 नवंबर, 1918 को युद्ध की समाप्‍ति हुई| युद्धों से कभी किसी का भला नहीं हुआ| ये तो विनाश-सर्वनाश के कारण हैं| किसी भी सभ्य समाज में युद्धों का कोई स्थान नहीं है; और इन्हें किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए| इस पुस्तक का उद‍्देश्‍य भी यही है कि विश्‍वयुद्धों की विभीषिका से सीख लेकर हम युद्धों से तौबा कर लें और ऐसी परिस्थितियाँ पैदा न होने दें, जो युद्धों का जन्म दें| मानवीय संवेदना और मानवता को बचाए रखने का विनम्र प्रयास है यह पुस्तक|


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%