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Specifications

Genre

Other

Print Length

112 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

8185829063

Weight

225 Gram

Description

ओजोन ' परत में छेद होने से कुछ वर्षो बाद पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि पहाड़ों पर जमी सारी बर्फ पानी बनकर पृथ्वी को डुबो देगी | महानगरों में साँस लेने के लिए | एयर-मास्क की आवश्यकता पड़ने लगी है, अन्यथा आदमी का दम घुटता है | अम्लवर्षा के कारण पेड़-पौधों पर घातक प्रभाव पीरल‌क्ष‌ित हो रहे हैं | ऐसा वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है | वह वायु, जो हर जीवधारी के लिए आवश्यक है, प्रदूषित हो रही है | अत: स्वाभाविक है कि हर व्यक्‍त‌ि इसके विषय में जाने और उसे शुद्ध बनाए रखने का प्रयास करे | वरना संसार में किसी भी जीव तथा वनस्पति का बच पाना असंभव हो जाएगा | इसी उद‍्देश्य की पूर्ति करती है पुस्तक -वायु प्रदूषण | इसमें वायुमंडल की संरचना, वायु के प्रमुख प्रदूषक, अम्लवर्षा, ग्रीन हाउस प्रभाव जैसी घटनाओं को प्रस्तुत करने के साथ ही वायु प्रदूषण को रोकने के उपायों की भी विस्तार से चर्चा की गई है | पुस्तक की भाषा इतनी सरल है कि आम आदमी भी इसको पढ़कर लाभान्वित होगा |


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