Jwalamukhi: Bhayankartam Prakritik Aapda (ज्वालामुखी: भयंकरपद प्राकृतिक आपदा)

By Shyam Sunder Sharma (श्याम सुन्दर शर्मा)

Jwalamukhi: Bhayankartam Prakritik Aapda (ज्वालामुखी: भयंकरपद प्राकृतिक आपदा)

By Shyam Sunder Sharma (श्याम सुन्दर शर्मा)

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Specifications

Print Length

143 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

8177210602

Weight

300 Gram

Description

ज्वालामुखी भयंकरतम प्राकृतिक आपदा है| इसके कारण बड़े पैमाने पर जन और संपत्ति की हानि होती ही रहती है; परंतु न तो उसे रोका जा सकता है और न ही नियंत्रित किया जा सकता है| उससे बचने का कारगर उपाय है उद‍्गार के पूर्व-संकेत मिलते ही ज्वालामुखी से जितनी दूर और जितनी जल्दी संभव हो, भाग जाएँ| इसके लिए ज्वालामुखी के आस-पास रहनेवाले लोगों को समय रहते उद‍्गार की पूर्व-सूचना मिलना जरूरी है| यह पूर्व-सूचना उन ‘संकेतों’ और ‘चेतावनियों’ के आधार पर ही दी जा सकती है, जिन्हें ज्वालामुखी ‘अपनी विशेष भाषा’ में देता है| इस ‘भाषा’ को समझने के लिए ज्वालामुखियों की निर्माण प्रक्रिया, उनके उद‍्गरित होने के कारण, उद‍्गार के दौरान निकलनेवाले पदार्थों आदि के बारे में जानकारी प्राप्‍त करना आवश्यक है| प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं सब का सरल भाषा और सुबोध शैली में वर्णन है| साथ ही ज्वालामुखी की किस्मों, कुछ ऐतिहासिक उद‍्गारों आदि का भी वर्णन है| इनके अतिरिक्‍त यह भी बताया गया है कि ज्वालामुखी उद‍्गारों के दौरान निकलनेवाले पदार्थों ने अतीत में जलवायु/मौसम को किस प्रकार प्रभावित किया है और अब भी कर रहे हैं| इन उद‍्गारों के फलस्वरूप हीरों का निर्माण किस प्रकार होता है, सोने और चाँदी जैसी धातुओं के अयस्क किस प्रकार सांद्रित होते हैं, लावा से उपजाऊ मिट्टी कैसे बनती है और ज्वालामुखी उद‍्गारों से ऊर्जा क्यों नहीं प्राप्‍त की जा सकती तथा उद‍्गार से पूर्व ज्वालामुखी क्या संकेत प्रदर्शित करते हैं|


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