Amar Krantikari Madanlal Dhingra (अमर क्रांतिकारी मदनलाल धिंग्रा)

By Vishav Bandhu (विश्वबंधु)

Amar Krantikari Madanlal Dhingra (अमर क्रांतिकारी मदनलाल धिंग्रा)

By Vishav Bandhu (विश्वबंधु)

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Specifications

Print Length

176 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2020

ISBN

9788189573652

Weight

330 Gram

Description

मदनलाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर, 1883 को पंजाब प्रांत के एक संपन्न हिंदू परिवार में हुआ था| उनके पिता दित्तामलजी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रँगे हुए थे; किंतु माताजी अत्यंत धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं| उनका परिवार अंग्रेजों का विश्‍वासपात्र था| जब मदनलाल को भारतीय स्वतंत्रता संबंधी क्रांति के आरोप में लाहौर के एक कॉलेज से निकाल दिया गया तो परिवार ने मदनलाल से नाता तोड़ लिया| फिर अपने बडे़ भाई की सलाह पर सन् 1906 में वह उच्च शिक्षा प्राप्‍त करने इंग्लैंड चले गए, जहाँ उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में यांत्रिक प्रौद्योगिकी में प्रवेश ले लिया| लंदन में ढींगरा प्रख्यात राष्‍ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा के संपर्क में आए| मदनलाल इंडिया हाउस में रहने लगे थे| वहाँ के सभी देशभक्‍त खुदीराम बोस, कन्हाई लाल दत्त, सतिंदर पाल और काशी राम जैसे क्रांतिकारियों को मृत्युदंड दिए जाने से बहुत क्रोधित थे| 9 जुलाई, 1909 की शाम को इंडियन नेशन एसोसिएशन के वार्षिकोत्सव में भाग लेने के लिए भारी संख्या में भारतीय और अंग्रेज इकट्ठा हुए| जैसे ही सर विलियम हट कर्जन वायली अपनी पत्‍नी के साथ हॉल में घुसे, मदनलाल ढींगरा ने उनके चेहरे पर पाँच गोलियाँ दाग दीं| 23 जुलाई, 1909 को मदनलाल ढींगरा के केस की सुनवाई के बाद 17 अगस्त, 1909 को ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें फाँसी पर लटका दिया गया| वे मरकर भी अमर हो गए|


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