By Pawan (पवन)
By Pawan (पवन)
$7.78
Print Length
136 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
9788173158773
Weight
265 Gram
पवन गंभीर बातों को आराम से देशज शैली में कह जाते हैं| यही इनकी खूबी है| आप पवन के कार्टूनों को देखकर मुसकराए बिना नहीं रह सकते| लालू प्रसाद यादव तो उनके प्रिय पात्र रहे हैं और नीतीश कुमार पवन के कार्टून को निहार लेने के बाद ही अखबार पढ़ते हैं| पवन के कार्टून की आड़ी-तिरछी रेखाएँ उनके पात्रों को जीवंत बनाती हैं, यही उनकी कला की खूबी है|
पवन के पात्र आम आदमी की बोली बोलते हैं और पटनिया, मगही से लेकर भोजपुरी में भी खूब संवाद करते नजर आते हैं| पवन की संप्रेषणीयता की यही खूबी है| वे विधानसभा चुनाव में लालटेन भुकभुकाय नम: और बाबा वेलंटाइन तथा नए साल के जश्न में शराब पीकर लोट-पोट होने वालों को बंदरों के साथ संवाद कराते नजर आते हैं| उनका चुटीला व्यंग्यात्मक लहजा आम जन को प्रभावित करता है|
पवन के कार्टूनों में विषयों की विविधता होती है| उनका आम आदमी अथवा उनका पात्र दु:ख में दुखी और खुशी के मौके पर अपने को रोकता नहीं है| आम आदमी की बात बोलता कार्टून पवन को रेखांकन कला की दुनिया में खास बना देता है|
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