संस्कृत का नाट्य-साहित्य सबसे प्राचीन है| और भरतमुनि का नाट्य-शास्त्र दुनिया का प्राचीनतम नाट्य-ग्रंथ है| वह आज भी सुरक्षित है| अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में संस्कृत नाटकों का अनुवाद हुआ है| हर क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं में लोक-नाटक मिलते हैं| इनमें स्थानीय गीत और नृत्य की प्रमुखता होती है| इस तरह के लोक-नाट्यों के रचनाकार और दर्शक स्थानीय व्यक्ति होते हैं| ये लोक-नाट्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे हैं| ये कितने पुराने हैं, यह कहना कठिन है| नाट्य एक अद्भुतकला है| जब नाटक लिखा जाता है तो वह साहित्य है, मंचित होता है तो वह विज्ञान है, तकनीक है; क्योंकि उसमें अनेक ऐसी विधाओं का समावेश हो जाता है, जो लेखन से अलग होती हैं| मसलन निर्देशन, अभिनय, मंच व्यवस्था, सेट डिजाइन, मेकअप, दरजी के काम, बढ़ई के काम, प्रकाश-संचालन, वस्त्र-विन्यास, ध्वनि-उत्पादन, निर्माण आदि| हिंदी नाट्य एवं रंगमंच का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती एक उपयोगी पुस्तक|
Natya - Shastra Aur Rangmanch (नाट्य - शास्त्र और रंगमंच)
Author: Deenanath Sahani (दीनानाथ सहानी)
Price:
$
13.67
Condition: New
Isbn: 9788177211436
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Film and Performing Art,Drama,
Publishing Date / Year: 2012
No of Pages: 231
Weight: 400 Gram
Total Price: $ 13.67
Reviews
There are no reviews yet.