Logo

  •  support@imusti.com

Ikkisveen Sadi Mein Bharatiya Arthvyavastha (इक्कीसवी सदी में भारतीय अर्थव्यवस्था)

Price: $ 11.92

Condition: New

Isbn: 8173154406

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Economics and Development,

Publishing Date / Year: 2013

No of Pages: 192

Weight: 350 Gram

Total Price: $ 11.92

    0       VIEW CART

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर श्री बिमल जालान द्वारा लिखित इस पुस्तक के विविध आर्थिक विषयों को सम्मिलित किया गया है| इसमें बैंकिंग और वित्त से लेकर विज्ञान तथा विकास तक के विषय हैं| मैक्रो, माइक्रो तथा अन्य आर्थिक क्षेत्रों में भारत का पिछला रिकॉर्ड और वर्तमान नीतियाँ विषयों की विविधता को एक सूत्र में बाँधती हैं| ये लेख भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में नीति-निर्माण के कुछ विशिष्‍ट क्षेत्रों का विश्‍लेषण करते हैं| पुस्तक का पहला लेख भारतीय अर्थव्यवस्‍था की हालिया संभावनाओं के मजबूत पक्ष तथा उनकी कमियों से संबंधित मुद‍्दों पर प्रकाश डालता है और एक भावी आर्थिक परिदृश्य प्रस्तुत करता है| वित्‍त और विकास की सहबद्धता की पृष्‍ठभूमि में तीन लेख दो भिन्न परंतु अंतर्सबद्ध विषयों-यानी अंतरराष्‍ट्रीय वित्‍तीय संरचना के बारे में विकासशील देशों का दृ‌ष्‍ट‌िकोण और भारतीय बैं‌किंग तथा वित्तीय प्रणाली का वर्तमान व भविष्‍य-का विश्‍लेषण करते हैं| इनके अलावा, एक वैश्‍वीकृत अर्थव्यवस्‍था में प्रबंधन चुनौतियों पर लेख भारतीय कॉरपोरेटों और नीति-निर्माताओं की हालिया वै‌श्‍व‌िक गति‌व‌िधियों के प्रभावों पर प्रकाश डालता; है जबकि विज्ञान, प्रौद्योगिकीय क्षमताओं तथा उससे संबद्ध नीतियों की वैश्‍व‌िक तथा घरेलू दृ‌ष्‍ट‌ि का विश्‍लेषण करता है| बड़े लेखों के अलावा इस संकलन में छह लघु टिप्प‌िणयाँ भी हैं, जिनमें विविध विषयों, जैसे-भूमंडलीकरण, भारत में हालिया विनिगय दर प्रबंधन तथा मौद्रिक नीति के औचितय (मुख्यतः मुद्रास्फीति के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की आवश्यकता पर प्रश्‍न उठाते हुए) और सूचना प्रौद्योगिकी तथा वैश्‍व‌िक मैक्रो-इकोनॉमिक गतिविधियों के बीच दोतरफा संबंध, जिसमें बैंकिंग में सूचना प्रौद्योगिकी की विशेष भूमिका भी शामिल है-चर्चा की गई है|