$12.06
Print Length
216 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
8188266035
Weight
360 Gram
हम यह सोचकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि इस सदी के अंत तक विश्व हे निरक्षरों की लगभग आधी संख्या भारत में होगी | यदि भारत को इस कलंक से बचाना है तो हमें इस समस्या का प्रत्यक्ष रूप से सामना करना होगा | विकास संबंधी आवश्यकताओं का प्रत्येक पहलू साक्षरता पर आधारित है | फिर भी, साक्षरता उन्मूलन ध्येय आसानी से तय किया जा चुका है; लेकिन इसकी उपलब्धि अधिक कठिन कार्य है | संपूर्ण साक्षरता अभियान साक्षर समाज की ओर गतिशील होने का नया तरीका है | संपूर्ण साक्षरता अभियान स्वयंसेवा की भावना पर टिका है तथा यह दृढ़ता, समर्पण भाव ही इसकी प्रेरणा शक्ति है | संपूर्ण साक्षरता अभियान की सफलता का संश्लिष्ट स्वरूप है | इस पुस्तक का विषय संपूर्ण साक्षरता अभियान की सफलता या विफलता के कारणों को समेझना है | पुस्तक में मात्र निदानात्मक दृष्टिकोण ही नहीं अपनाया गया है बल्कि संपूर्ण साक्षरता अभियान की सफलता से जुड़ी कार्य-नीतियों का विश्लेषण भी किया गया है | चुनिंदा देशों के अनुभव और सफल गाथाओं का विश्लेषण किया गया है, ताकि इस अभियान से जुड़ी सक्रिय अवधारणाओं के बारे में जानकारी मिल सके |
प्रस्तुत पुस्तक संपूर्ण साक्षरता अभियान से जुड़े सभी व्यक्तियों तथा इस देश में शिक्षा और साक्षरता विषयक मुद्दे से जुड़े व्यक्तियों के लिए अत्यधिक लाभप्रद होगी |
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