$7.18
Print Length
276 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 1998
ISBN
9788170282640
Weight
496 Gram
प्रख्यात लेखक डॉ. विशंभरनाथ उपाध्याय ने राजनीतिक परिवर्तन तथा अनैतिक आचरण के विरोध विषयों पर अपने- सशक्त तथा अत्यंत पठनीय- उपन्यासों के कारण बहुत प्रसिद्धि प्राप्त की है।
भ्रष्टाचार की समस्या पर उनका उपन्यास 'दूसरा भूतनाथ' पसंद किया गया था। अभी इसी थीम पर, परंतु कुछ भिन्न दृष्टि से लिखा, यह उनका नवीनतम उपन्यास है। आदि से अंत तक पाठक को बांधकर रखने वाला यह उपन्यास वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बहुत सामाजिक बन पड़ा है।
0
out of 5