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Specifications

Print Length

128 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2024

ISBN

9789393267122

Weight

208 Gram

Description

1882 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का बांग्ला उपन्यास आनन्द मठ प्रकाशित हुआ। 18वीं सदी के संन्यासी विद्रोह और बंगाल के अकाल की पृष्ठभूमि पर लिखा यह पाठकों में बहुत लोकप्रिय हुआ। इस बात से घबरा कर कि इससे देशप्रेम और विद्रोह की भावना जागृत होगी, उस समय की अंग्रेज़ सरकार ने आनन्द मठ पर प्रतिबंध लगा दिया जो 1947 में देश के स्वतंत्र होने के बाद हटाया गया। आनन्द मठ आधुनिक भारतीय साहित्य का एक मील का पत्थर माना जाता है और यह पाठकों में आज भी बेहद लोकप्रिय है। इसका अनुवाद लगभग हर भारतीय भाषा में उपलब्ध है। इसमें सम्मिलित गीत ‘वंदे मातरम्’ को देश का राष्ट्रगीत बनने का गौरव मिला।
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय (चटर्जी) (27 जून, 1838 - 8 अप्रैल 1894) बांग्ला के महान कवि और उपन्यासकार थे। बांग्ला के अलावा वे संस्कृत के विद्वान थे। अपना साहित्यिक जीवन उन्होंने कविता से शुरू किया लेकिन वे अपने उपन्यासों के लिए अधिक जाने जाते हैं। आनन्द मठ के अतिरिक्त दुर्गेश नंदिनी, कपाल कुंडला, देवी चौधरानी, मृणालिनी उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं। अपने लेखन के द्वारा वे लोगों में नवजागरण करना चाहते थे। उनके जैसी कहानी कहने की कला शायद ही किसी और भारतीय लेखक में मिलती है।


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