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Genre
Print Length
320 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2017
ISBN
9789350640098
Weight
400 Gram
भारत की एकमात्र महिला प्रधानमन्त्री रहीं इन्दिरा गाँधी के जीवन पर आधारित है लेखक राजेन्द्र मोहन भटनागर की यह पुस्तक। यह इन्दिरा गाँधी की 67 सालों की उथल-पुथल भरी, घटनापूर्ण ज़िन्दगी की गाथा है जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि एक संकोची, एकान्त पसन्द, गुमसुम रहने वाली लड़की में ऐसी कौन सी विलक्षणताएँ थीं जिनके कारण वह दो बार देश की प्रधानमन्त्री चुनी गयीं।
बैंकों के राष्ट्रीयकरण, बांग्लादेश के जन्म, एमरजेंसी, और ब्लू-स्टार ऑपरेशन जैसे ऐतिहासिक निर्णयों से जहाँ इन्दिरा गाँधी की छवि एक दबंग, निष्ठुर नेता की थी वहीं अपने व्यक्तिगत जीवन में वह संवेदनशील, कला और संस्कृति की परख रखने वाली, ज़िन्दगी की हर छोटी-से-छोटी बात पर ध्यान देनेवाली महिला और ममतामयी माँ थीं। उनके जीवन के इन सभी पहलुओं को एक साथ बुनकर लेखक ने एक रोचक और पठनीय जीवनी का सृजन किया है।
राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्च सम्मान ‘मीरा पुरस्कार’ और ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित राजेन्द्र मोहन भटनागर अपने ऐतिहासिक उपन्यासों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। युगपुरुष अंबेडकर, विवेकानन्द, सरदार, दलित संत, गौरांग और कुली बैरिस्टर उनकी कुछ लोकप्रिय रचनाएँ हैं।
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