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Specifications

Print Length

160 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2024

ISBN

9789393267641

Weight

240 Gram

Description

विश्‍व मानचित्र पर चमकते महिमामंडित बनारस से लेकर उपेक्षित पड़े पलामू तक, 'घाम ' की कहानियों में भारतीय जीवन और जन-मन के एक से एक आयाम अंकित हुए हैं। लोमहर्षक, प्रश्‍नवाचक। द्वंद्व-अंतर्द्वंद्व या घात-संघात से भरे हुए। ये कहानियां भावुकता की दलदल बनाए बिना ही सोई संवेदनाएं जगा देती और पाठक से मन-प्राणों के स्‍तर तक जुड़ जाती हैं। इस दौरान वे ऊपरी सतह तक सीमित नहीं रहतीं, परतें उधेड़ने और प्रश्‍न-अन्‍तर्प्रश्नों‍ से टकराने का रास्‍ता चुनती हैं। पाठकों के सामने वृत्‍तांत बिछाकर ही संतुष्‍ट नहीं हो लेतीं बल्कि सामाजिकी से वैचारिकी तक, पूरा वृत्‍त खींचती हैं।
श्‍याम बिहारी श्‍यामल हिन्‍दी कथा साहित्‍य के सुपरिचित हस्‍ताक्षर हैं। 'कंथा' और 'धपेल' उनके बहुचर्चित उपन्‍यास हैं।


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