$5.34
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2023
ISBN
9789389373653
Weight
224 Gram
नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, निबन्ध - अलग-अलग विधाओं में उनकी साठ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 2012 में ‘व्यास सम्मान’ और 2017 में ‘पद्मश्री’ से उन्हें अलंकृत किया गया था। तोड़ो कारा तोड़ो, वासुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, अभिज्ञान, आतंक, वरुणपुत्री और सेतु-भंजन उनकी अन्य चर्चित पुस्तकें हैं।
जहाँ एक ओर नरेन्द्र कोहली ने विवेकानंद और श्रीराम जैसे भारतीय नायकों पर बहुत विस्तार से लिखा, वहीं 2017 में वरुणपुत्री को उन्होंने एक बिलकुल अलग विधा में रचा जिसमें उन्होंने मिथक, पौराणिक कथाओं, विज्ञान, राजनीतिक घटनाक्रम और फ़ैंटेसी का अनोखा ताना-बाना बुना। पाठकों को उनकी यह नयी लेखन शैली बेहद पसन्द आई और उसी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सेतु-भंजन लिखी। अब प्रस्तुत है उसी विधा की तीसरी प्रस्तुति - मुडिया पहाड़। 6 जनवरी 1940 में जन्मे नरेन्द्र कोहली का 81 वर्ष की आयु में 17 अप्रैल 2021 को दिल्ली में देहान्त हुआ।
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