$6.06
Genre
Print Length
176 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2023
ISBN
9789393267405
Weight
256 Gram
राजस्थान पुलिस सेवा से पुलिस महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हरिराम मीणा हिन्दी साहित्य में एक महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनका अधिकांश लेखन पुलिस सेवा के अंतर्गत हुए उनके अनुभवों और सच्ची घटनाओं पर आधारित है। जब वे धौलपुर में नियुक्त थे, तो उन्होंने एक लड़की को वेश्या बनानेवाले गिरोह से मुक्त करवाया था। उसी लड़की पर यह मार्मिक उपन्यास आधारित है। हरिराम मीणा कहते हैं, कथा की इस समस्त सृजन यात्रा में मुझे ऐसी अनुभूति हुई जैसे मानव यात्रा में आद्यांत, दैहिक शोषण के उत्पीड़न को भोगते हुए स्त्री की पहचान, अस्मिता, गरिमा और मनुष्य के रूप में उसका अस्तित्व घनीभूत अंधकार में विलीन होता रहा हो। उसी अँधेरे में जीते रहने के लिए उसे विवश किया जाता रहा हो। उसका सम्पूर्ण जीवन जैसे एक ब्लैक होल में गुज़रता रहा हो।’’
साहित्य में योगदान के लिए हरिराम मीणा को ‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’, राजस्थान साहित्य अकादेमी का सर्वोच्च ‘मीरां पुरस्कार’, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान’, बिड़ला फाउंडेशन के ‘बिहारी पुरस्कार’ तथा ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से विभूषित किया जा चुका है।
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