Ghatak Rogon Ke Kaise Bachen (घातक रोगों से कैसे बचें)

By M. P. Srivastava (एम. पी. श्रीवास्तव)

Ghatak Rogon Ke Kaise Bachen (घातक रोगों से कैसे बचें)

By M. P. Srivastava (एम. पी. श्रीवास्तव)

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Specifications

Print Length

162 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2010

ISBN

8173151113

Weight

320 Gram

Description

छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देने के कारण सामान्य रोग भी भयंकर रूप धारण कर लेते हैं | मामूली सावधानियो से भी हम घातक रोगो के संकट से बच सकते हैं | प्रस्तुत पुस्तक मे जानलेवा रोगों कै कारण एवं निवारण का उल्लेख जन साधारण के लिए बहुत ही सरल भाषा में किया गया है |
उच्च रक्‍तचाप को यदि शरू में ही नियंत्रित न किया जाए तो वह हदय, गुर्दा, मस्तिष्क और ऑखो को नुकसान पहुँचा सकता है | यदि उमे शरू से ही नियंत्रित रखा जाए तो व्यक्‍त‌ि उम्रभर निरोग रह सकता है |
गुर्दे के रोगों की भी यही बात है | यदि शुरू मे ही कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ तो गुर्दे को खराब होने मे बचाया जा सकता है | मधुमेह जैसे रोग से भी हम छोटी-छोटी सावधानियाँ बरतकर जीवनभर के लिए बच सकते है |
माता-पिता अपने बच्चो को उचित समय पर निरोधी टीका लगवाकर उन्हे अपंग होने तथा अनेक प्रकार की बीमारियो से बचा सकते है |
नंगे पैर घुमने और खुले मैदान मै शौच करने से कृमि जैसे भयंकर रोग लग जाते हैं | व्यक्‍त‌िगत स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, संतुलित भौजन, मदिरा एवं धूम्रपान से परहेज व्यक्‍त‌ि को स्वस्थ एवं लम्बी आयुवाला बनाते है |
इम पुस्तक के अध्ययन मे जाने- अनजाने होने वाली उन भूलों मे बचा जा सकता है जिनके कारण कोई भी रोग कभी भी हमे घेर सकता है |


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