$7.00
Genre
Print Length
167 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
817721053x
Weight
310 Gram
वर्तमान जीवन-व्यवस्था ऐसी हो गई है कि आज लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी- न-किसी रोग से ग्रस्त है | जिन रोगों के बारे में हमने कभी सुना भी नहीं था, अब उन्हें देखना ही नहीं, भोगना भी हमारी विवशता बनती जा रही है | संपूर्ण संसार में हजारों चिकित्सा-पद्धतियाँ विकसित हो चुकी हैं | इनके साथ-साथ उन्नत चिकित्सकीय यंत्र एवं उपकरण तथा अद्भुत जीवन रक्षक दवाएँ विकसित कर ली गई हैं, फिर भी आज का मानव नाना रोगों से पीड़ित जीने को विवश है | अत : इन रोगों का कारण क्या है, यह जानना अत्यावश्यक हो गया है | इसका प्रमुख कारण है-हमारा असंयमित- असंतुलित आहार |
हमें क्या खाना चाहिए, क्यों खाना चाहिए, कब खाना चाहिए, कितना खाना चाहिए-ऐसे अनेक गंभीर प्रश्नों का समाधान स्वामीजी ने प्रस्तुत पुस्तक 'आहार चिकित्सा' में बड़ी ही सरल, सुगम व बोधगम्य भाषा में प्रभावपूर्ण ढंग से किया है | स्वामीजी का मानना है कि दैनिक खान- पान से ही अच्छा उपचार किया जा सकता है | स्वामीजी द्वारा सुझाई गई बातों को अगर आप ध्यानपूर्वक आत्मसात् करेंगे, धैर्य और शांति से उनका अनुसरण करेंगे तो निश्चय ही बीमार होने की नौबत नहीं आएगी | हमें विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक पाठकों का आहार चिकित्सा संबंधी ज्ञानवर्द्धन तो करेगी ही, उन्हें पूर्णतया स्वस्थ रखने में भी महती भूमिका अदा करेगी |
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