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Print Length
48 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2014
गांधीजीकी ग्राम-स्वराज्य्की कल्पनाको मुर्तुरूप देनेके लिए भारतमें पंचायत राजका शुभ आरम्भ हो चूका है| राज्य्सत्ताके विकेंद्रीकरणकी प्रतिक ग्राम-पंचायते ही गंवोमे सच्चे ग्राम-स्व्राज्य्का सूत्रपात करेगी|यह ग्राम स्वराज्य कैसा होना चाहिए , एसिका स्पष्ट चित्र गंधिजिके सब्दोमै इस पुस्तक मैं प्रस्तुत किया गया है|
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