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Genre
Print Length
304 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2023
ISBN
9789350640968
Weight
384 Gram
पंजाब के एक जाने-माने पत्रकार श्री वीरेन्द्र लम्बे समय तक ‘वीर प्रताप’ और ‘प्रताप’ अखबार के प्रकाशक-सम्पादक रहे। उनकी यह पुस्तक वे इन्क़लाबी दिन 1930 के आसपास के उस समय का विवरण है जब देश आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था। एक ओर थे क्रान्तिकारी जो मरने मारने को गौरव की बात समझते थे और दूसरी ओर थे महात्मा गांधी जो इसके बिलकुल विपरीत अहिंसात्मक लड़ाई का अपना हथियार विकसित कर रहे थे। श्री वीरेन्द्र ने भी इस आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय भाग लिया और अपने यौवनकाल के अधिकांश वर्ष कारावास में गुज़ारे। नौ बार उन्हें कारावास की सज़ा हुई।
वे इन्क़लाबी दिन में लेखक ने आपबीती के माध्यम से इन्क़लाबी दिनों को बड़ी सशक्त भाषा में वर्णित किया है। भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, गांधी जी, लाला लाजपतराय, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस आदि स्वतन्त्रता सेनानियों की गौरव गाथा इसमें वर्णित है।
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