नेताजी सुभाष चंद्र बोस महान् देशभक्त थे| ब्रिटिश दासता से मुक्ति और पूर्ण स्वातंत्र्य उनका लक्ष्य था| बर्लिन रेडियो से एक प्रसारण में उन्होंने कहा था, “अपने जीवन की अंतिम साँस तक मैं मातृभूमि की सेवा करता रहूँगा और उसके लिए बड़े-से-बड़ा बलिदान करने से न झिझकूँगा| मेरे लिए भारत का हित सर्वप्रिय है, चाहे मैं संसार के किसी भी भाग में हूँ|” ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’ के द्वारा स्वतंत्रता-सेनानियों में आजादी का महामंत्र फूँकनेवाले नेताजी सुभाष को भारतीय संस्कृति में अटूट विश्वास था| वे कहते थे कि मैं उन लोगों में से नहीं हूँ, जो आधुनिकता के जोश में अपने अतीत के गौरव को भूल जाते हैं| हमारे पास विश्व को देने के लिए दर्शन, साहित्य, कला और विज्ञान में बहुत कुछ है और सारा संसार हमारी ओर टकटकी लगाए देख रहा है| ऐसे अमर बलिदानी, राष्ट्रभक्त और क्रांतिकारी विचारक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की चिंतनधारा से अपने देश की होनहार छात्र-युवा पीढ़ी को परिचित-प्रेरित कराने के शुभ संकल्प के साथ यह संकलन प्रस्तुत है|
Main Subhash Bol Raha Hoon (मैं सुभाष बोल रहा हूं)
Author: Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)
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7.78
Condition: New
Isbn: 9789380823232
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Memoir and Biography,History,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 143
Weight: 255 Gram
Total Price: $ 7.78
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