Mahan Bharatiya Olympic Khiladi (महान भारतीय ओलंपिक खिलाडी)

By K. Arumugam (के. अरुमुगम), Gulu Ezekiel (गुलु इजीक्यल)

Mahan Bharatiya Olympic Khiladi (महान भारतीय ओलंपिक खिलाडी)

By K. Arumugam (के. अरुमुगम), Gulu Ezekiel (गुलु इजीक्यल)

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Specifications

Print Length

167 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2018

ISBN

9788177211139

Weight

310 Gram

Description

अखंड चेतना का पर्याय है भारत| यह मात्र एक भौगोलिक इकाई नहीं, जिसे नदियों, पहाड़ों, मैदानों या समुद्र-तटों से परिभाषित किया जा सके| यह तो संस्कृति की सनातन यात्रा का यायावर है| इसे हम आलोक का महापुंज भी कह सकते हैं| ‘भा’ का अर्थ प्रकाश ही तो होता है| भा+रत यानी प्रकाश में रत, प्रकाश में लवलीन, या यों कहें कि प्रकाश को अपने में समाया हुआ देश| विश्व में अनेक देश हैं-बड़े भी, छोटे भी; धनवान् भी, गरीब भी; साम्राज्यवादी भी, शोषित भी; सामंती भी और लोकतांत्रिक भी| फिर भारत की ऐसी क्या विशेषता है, जिसे हम एक अलग पहचान दे सकें? यह पहचान है आत्मप्रकाश के चिरंतन वैभव की| यह पहचान है असत्य से सत्य की ओर ले जानेवाली; अंधकार से आलोक की ओर ले जानेवाली तथा नश्वरता से अमरता की ओर ले जानेवाली उसकी अटूट सांस्कृतिक परंपरा की| शताब्दियाँ बीत गईं, पर यह पहचान अक्षुण्ण रही| परिस्थितियों के झंझावात इसे कभी भी धूमिल नहीं कर सके, न कभी कर सकेंगे| हमारे पर्वों-त्योहारों में, हमारे पूजा और अनुष्ठानों में, हमारे लौकिक रीति-रिवाजों में, हमारे हर्ष और शोक में या यों कहिए कि हमारे संपूर्ण लोक-व्यवहार में इसी निधि की, यानी भारतीयता की अखंड छाप बनी रही| तभी तो ‘यूनान, मिस्र, रोमाँ, सब मिट गए जहाँ से/कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी|’ भारत और भारतीयता को विस्तृत आलोक में समझानेवाली एक ज्ञानपरक पुस्तक|


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