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Deeksha Kee Bharatiya Paramparayen, Vol. 1, 2 (दीक्षा की भारतीय परम्पराएं, भाग १, २)

Price: $ 13.47

Condition: New

Isbn: 9788173156670, 9788173156687

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels and Short Stories,Culture and Religion,

Publishing Date / Year: 2015

No of Pages: 416

Weight: 385 Gram

Total Price: $ 13.47

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भारत की उदार और समन्वयवादी दृष्‍टि के कारण यहाँ अनेक ऐसे धर्म दीर्घकाल से फलीभूत हुए, जिनका उद‍्गम भारतीय नहीं है, फिर भी इनमें भारतीय दीक्षा पंरपरा का प्रत्यक्ष प्रभाव स्पष्‍ट दिखाई पड़ता है| सूफी साधना और चर्या अधिकांशत: भारतीय साधना और चर्या के तत्त्वों को पुनर्योजित करके बनी है| बौद्ध व जैन धर्म की दीक्षा परंपराओं के साथ-साथ पारसी, यहूदी, ईसाई और इसलाम धर्म में सूफी संप्रदाय की अनेक धार्मिक परंपराएँ प्रचलित हैं| इनके उद‍्गम क्षेत्र और सांस्कृतिक स्रोत भौगोलिक दृष्‍टि से भारत के बाहर तक विस्तृत हैं, अतएव हिंदू धर्म के समावेशी स्वरूप में इनकी गणना है| वर्तमान समय में धर्मांतरण के फलस्वरूप यद्यपि ये परंपराएँ अपने मूल स्वरूप को खोती जा रही हैं, फिर भी जो कुछ शेष हैं, उसमें दीक्षा विधि और सिद्धांत के अनेक पहलू सामने आएँगे| भारतीय अध्यात्म परंपरा का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्वरूप बौद्ध व जैन परंपराओं में विकसित हुआ है| इनकी अपनी जीवन-पद्धति, दर्शन, ईश्‍वर व जगत् के बारे में अपने विचार, मनुष्य और मनुष्य के शरीर व आत्मा, मन, प्रतिभा, चिंतन और कर्म के बारे में अपना विश्‍लेषण है| विद्वान् लेखक का विश्‍वास है कि इस पुस्तक में जिस एकता की बात कही गई है, वह इन परंपराओं के शोध से ही प्रमाणित होती है| यह ग्रंथ सुधी पाठकों की ज्ञान-पिपासा शांत करने में समर्थ होगा|