$12.47
Print Length
216 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788177212167
Weight
390 Gram
यूरी एलेक्सेविच गागरिन को इतिहास में प्रथम अंतरिक्ष यात्री के रूप में जाना जाता है| सन् 1961 में अचानक सुर्खियों में आनेवाले इस व्यक्तित्व को अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, किंतु इसकी पृष्ठभूमि में वर्षों की लगन और लक्ष्य-प्राप्ति के लिए कठिन साधना थी| मात्र 27 वर्ष की उम्र में सफलता का कीर्तिमान स्थापित करनेवाला यह महानायक मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में संसार से विदा हो गया|
यूरी गागरिन का जन्म 9 मार्च, 1934 को मॉस्को के निकट हुआ था| ओरेनबर्ग से 6 नवंबर, 1957 को उत्कृष्ट ग्रेड लेकर उत्तीर्ण होने के बाद शीघ्र यूरी को लेफ्टिनेंट में कमीशन प्राप्त हो गया| तत्पश्चात् उन्हें आर्कटिक सर्किल से 300 कि.मी. उत्तर में उत्तरी छोर बिंदु पर स्थित निकेल एयरबेस में सैन्य निरीक्षण हेतु मिग-15 जेट की उड़ान हेतु भेज दिया गया| अनजाने अंतरिक्ष को जानने की ललक ने यूरी गागरिन को अंतरिक्ष अभियान की ओर प्रवृत्त किया| और वह भी पहली बार अंतरिक्ष में जाने की कल्पना करना ही दिल को दहला देनेवाली थी| वहाँ पहुँच भी पाएँगे और पहुँच गए तो क्या जीवित धरती पर लौट पाएँगे? ऐसी ऊहापोह के बीच यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुँचकर मानव जीवन को एक नई ऊँचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया|
अद्भुत जिजीविषा और अप्रतिम साहस के धनी यूरी गागरिन की प्रेरणाप्रद जीवनी|
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