$15.42
Genre
Print Length
280 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
9789350481707
Weight
450 Gram
पं. भीमसेन जोशी का जन्म 4 फरवरी, 1922 को गडग (कर्नाटक) में हुआ| उन्हें बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था| वह किराना घराने के संस्थापक अब्दुल करीम खान से बहुत प्रभावित थे| सन् 1932 में वह गुरु की तलाश में घर से निकल पड़े| अब्दुल करीम खान के शिष्य पं. रामभाऊ कुंडालकर से उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शुरुआती शिक्षा ली| घर वापसी से पहले वह कलकत्ता और पंजाब भी गए| भीमसेन जोशी ने 19 वर्ष की उम्र में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से अपनी गायन कला का प्रदर्शन किया| उन्होंने पहली बार जनवरी 1946 में अपने गुरु सवाई गंधर्व के 60वें जन्मदिवस पर पुणे में अपना गायन प्रस्तुत किया था|
पं. भीमसेन जोशी ने अपनी विशिष्ट शैली विकसित करके किराना घराने को समृद्ध किया और दूसरे घरानों की विशिष्टताओं को भी अपने गायन में समाहित किया| उन्हें इस बात का भी श्रेय जाता है कि उन्होंने कई रागों को मिलाकर ‘कलाश्री’ और ‘ललित भटियार’ जैसे नए रागों की रचना की|
भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ के अलावा उन्हें देश तथा विश्व भर के अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया| अपने मधुर गायन से सबको सम्मोहित करनेवाले अप्रतिम गायक पं. भीमसेन जोशी की प्रामाणिक जीवनी, जो हर संगीत-प्रेमी और कलाकार को रोमांचित कर देगी|
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