$19.99
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2015
ISBN
8173155720
Weight
345 Gram
एयर मार्शल के.सी. करिअप्पा (से.नि.) ने सन् 1957 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया| उनकी तैनाती 20 नं. स्क्वाड्रन में हुई, जहाँ वह छह वर्ष तक रहे| नवंबर 1963 में वह चेन्नई के फ्लाइट इंस्ट्रक्टर्स स्कूल से स्नातक हुए| 22 सितंबर, 1965 को शत्रु के ठिकानों पर आक्रमण के दौरान दुश्मन ने उनका विमान मार गिराया| वह युद्धबंदी बना लिये गए और 22 जनवरी, 1966 को मुक्त हुए|
युद्ध में लगे घावों के कारण करिअप्पा कुछ अरसे तक लड़ाकू विमान उड़ाने में असमर्थ करार दिए गए| इस दौरान उन्होंने तत्कालीन वायुसेनाध्यक्ष के सहायक के रूप में कार्य किया| बँगलादेश के स्वाधीनता संग्राम के अंत तक वह इसी यूनिट में रहे| युद्ध में अदम्य वीरता के प्रदर्शन के लिए उन्हें वायुसेना मेडल से सम्मानित किया गया|
वर्ष 1994 में उनकी पदोन्नति एयर मार्शल के पद पर हुई| इसी वर्ष जोधपुर के दक्षिण-पश्चिम वायु कमान के कमांडर-इन-चीफ नियुक्त हुए| भारतीय वायुसेना में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति ने जनवरी 1965 में ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’ से सम्मानित किया| जनवरी 1996 में सेवानिवृत्त|
करिअप्पा अंतरराष्ट्रीय व सैन्य मामलों के गहन अध्येता हैं और इन विषयों पर वह निरंतर लेख लिखते रहे हैं|
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