$8.00
Print Length
183 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
9788177211122
Weight
320 Gram
“मेरा जीवन समस्त समाज का है और जब तक मैं जीवित हूँ, तब तक मेरा यह अधिकार है कि समाज के लिए जो कुछ कर सकता हूँ, करूँ| मैं जितना परिश्रम करता हूँ, मेरे अंदर उतना ही अधिक जीवन का संचार होता है| मैं जीवन के निमित्त ही जीवन में आनंद समझता हूँ| मेरे लिए जीवन कोई छोटा-मोटा दीपक नहीं है; यह एक प्रकार की गौरवपूर्ण मशाल है, जो इस समय मेरे हाथ में है| भावी पीढ़ियों को थमाने से पूर्व मैं इसे जितना संभव हो सके, उज्ज्वल बनाना चाहता हूँ|”
-लाला हरदयाल
वर्तमान में देश में ऐसा वातावरण बन गया है कि हमारे लिए आजादी का सुप्रभात दिखानेवाले शहीदों एवं हुतात्माओं को हम भूलते जा रहे हैं| प्रस्तुत पुस्तक में महान् विचारक, दार्शनिक, राष्ट्र-चिंतक एवं अद्वितीय क्रांतिकारी लाला हरदयाल के जीवन, शिक्षा, समाज-सेवा तथा क्रांतिकारी जीवन का प्रामाणिक एवं आह्लादकारी वर्णन है| राष्ट्र-चेतना जाग्रत् करनेवाली हर भारतीय के लिए पठनीय एवं प्रेरणादायी पुस्तक|
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