$8.90
Print Length
143 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
8188267961
Weight
485 Gram
गैलीलियो के मन में बचपन से ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी के प्रति गहन जिज्ञासा थी| यह जिज्ञासा उनके मन में जीवन के अंतिम पल तक बनी रही| उन्होंने ब्रह्मांड का एक नया स्वरूप दुनिया के समक्ष रखा|
वे न केवल श्रेष्ठ वैज्ञानिक और आविष्कारक थे, वरन् अपने धर्म में सच्ची आस्था रखते थे| उन्हें यह सहन नहीं था कि उनके धर्मग्रंथ में कोई अपूर्ण या असत्य विवरण हो|
वे अद्भुत साहसी थे| सत्य का पक्ष बड़ी निर्भीकता से रखते थे और इसके लिए अपना बहुत कुछ दाँव पर लगा देते थे| वे अपने पक्ष में लोगों को एकत्रित करने में कुशल थे| इसके अलावा वे बहुत चतुर भी थे| जब उन्हें लगा कि उनकी बात लोगों के मन में इस प्रकार उतर गई हैं कि अंतत: वे सत्य सिद्ध हो ही जाएँगी, तो वे पीछे हट गए| उन्होंने अनावश्यक रूप से जान देने या शहीद कहलाने की आवश्यकता नहीं समझी|
वे आधुनिक विज्ञान के जनक कहलाते हैं| उनके बाद वैज्ञानिकों ने उनके तौर-तरीकों का अनुकरण किया| ऐसे महान् वैज्ञानिक की जीवनी विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं विज्ञान में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी|
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