Ek Aviram Yatra (एक अविराम यात्रा)

By Jayvantiben Mehta (जयवंती मेहता)

Ek Aviram Yatra (एक अविराम यात्रा)

By Jayvantiben Mehta (जयवंती मेहता)

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Specifications

Print Length

226 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2016

ISBN

9788173159008

Weight

610 Gram

Description

ईश्वर ने प्रत्येक मनुष्य के जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित कर रखा है| इस लक्ष्य तक पहुँचने का प्रयत्न करते रहना मनुष्य का धर्म है| ऐसा कहाँ होता है कि सबको सबकुछ इच्छानुसार उपलब्ध हो जाए| नियति पर मनुष्य का कोई नियंत्रण नहीं है| प्रारब्ध के अनुसार जो मिले, उसी में संतुष्ट रहते हुए उसे क्रमश: अधिकाधिक सुंदर बनाने का पुरुषार्थ करना अवश्य मनुष्य के हाथ में है| सतत पुरुषार्थ, अनथक परिश्रम और समर्पण भाव के साथ जनसेवा का कार्य करनेवाली जयवंतीबेन मेहता ऐसी ही एक विभूति हैं, जिनके मन ने आराम कर लेने अथवा काम को विराम देने के विचार को छुआ तक नहीं|
जयवंतीबेन राजनीति में आईं तो किसी पद अथवा सत्ता के लोभवश नहीं, बल्कि इस सद्भावना की प्रेरणावश कि एक व्यक्ति की हैसियत से वे समाज के लिए क्या कर सकती हैं| वह बहुत स्थिरचित्त महिला हैं; बहुत मजबूत व्यक्तित्व की स्वामिनी हैं; न तो पलायनवादी हैं और न निराशावादी| उनके संस्मरणों का यह चित्रांकन व चरित्रांकन °•¤ ¥çßÚUæ× Øæ˜ææ उनके जीवन के अनेक पक्ष उजागर करता है| शैशव से लेकर आज तक के संस्मरण इसमें देखने को मिलेंगे; उनके पारिवारिक एवं राजनीतिक जीवन, उन्हें दिए गए पद, उनके द्वारा किए गए कार्य, उनकी सामाजिक सेवाएँ-सबका गहरा और विशद् परिचय यहाँ मिलता है| समाज-सेवा और राष्ट्र-सेवा को जीवन का मूल मंत्र मानकर उस अनंत पथ की यात्री की एक अविराम यात्रा|


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