$7.78
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2019
ISBN
9789380186979
Weight
300 Gram
स्वागत-समिति के अध्यक्ष महाराज रोहूजी की आज्ञा लेकर मंत्री श्रीमती पोठिया देवी ने कार्य आरंभ किया| सबसे पहले संगीताचार्य श्री मेढकजी खड़े होकर मृदंग बजाने और अपनी सुरीली आवाज में स्वागत-गीत गाने लगे-
टर्र! टर्र! टर्र!
आओ-आओ जलचर-भाई|
हिलें-मिलें सब फूट बिहाई|
दुश्मन-मुँह पर उड़े हवाई|
टर्र! टर्र! टर्र!
यह बगुला जो भगत बना है|
रूप श्वेत मन श्याम घना है|
बिना हटाए चैन मना है||
टर्र! टर्र! टर्र!
-इसी पुस्तक से
‘रोचक बाल कथाएँ’ पुस्तक को बेनीपुरीजी ने अपनी पहली संतान-पुत्री-को भेंट किया था यह लिखते हुए-“जिसका मुख देखने का सौभाग्य भी मुझे प्राप्त नहीं हुआ था, अपनी उसी प्रथम स्वर्गीय संतान की शिशु-आत्मा के पारलौकिक मनोरंजन के लिए यह सस्नेह समर्पित है|” यह अपने समय की सबकी लोकप्रिय व प्रशंसित बाल-पुस्तक मानी जाती है|
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