$7.78
Print Length
152 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2019
ISBN
9789350482223
Weight
295 Gram
ईश्वर ने अभी-अभी इस पृथ्वी की रचना की थी| उन्होंने एक कदम पीछे हटकर उसे मुग्ध होकर देखा| उन्होंने मनुष्यों, जानवरों, पेड़-पौधों व समुद्रों की रचना की थी और वह रहने के लिए एक अद्भुत स्थान लगता था| परंतु किसी चीज की कमी थी| कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने छह भाइयों-दिन, रात, गरमी, सर्दी, बारिश और वायु-को बुलाया| उन्होंने छह भाइयों से नीचे धरती पर जाने और वहाँ के प्राणियों को एक सुखद व समृद्ध जीवन जीने में मदद करने का निर्देश दिया-‘तुम्हें पृथ्वी पर रहनेवाले प्राणियों के लिए आहार उपजाने में उनकी मदद करनी होगी, ताकि वे आनंदपूर्वक रह सकें| मैंने समय को दो भागों में बाँट दिया है-24 घंटे और 365 दिन| तुम्हें समय के इन भागों को आपस में बाँटना होगा, ताकि पृथ्वी के लोगों को वह सब मिल सके, जिसकी उन्हें जरूरत है|’
-इसी पुस्तक से
प्रख्यात लेखिका सुधा मूर्ति की दादी की भूमिका से उपजी ये कहानियाँ बच्चों, माता-पिता, दादा-दादी-यानी तीन पीढ़ियों के आपसी संबंधों को समझाती हैं; परिवार को प्यार के बंधन में बाँधने का काम करती हैं और बालपन के पंख लगाकर आसमान छूने को प्रेरित करती हैं|
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