Antariksh Ki Kahani, Antariksh Yatriyon Ki Zubani (अंतरिक्ष की कहानी अंतरिक्ष यात्रियों की जुबानी)

By Kali Shankar (काली शंकर)

Antariksh Ki Kahani, Antariksh Yatriyon Ki Zubani (अंतरिक्ष की कहानी अंतरिक्ष यात्रियों की जुबानी)

By Kali Shankar (काली शंकर)

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Specifications

Print Length

184 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2019

ISBN

9788177211658

Weight

370 Gram

Description

Purnima Mazumdarअंतरिक्ष अन्वेषण और अंतरिक्ष में जाकर विभिन्न प्रकार के कार्य करना, अंतरिक्ष से पृथ्वी अवलोकन इत्यादि बातें एक सामान्य व्यक्‍ति के लिए स्वप्न ही लगती हैं| अंतरिक्ष के नाम से ही एक रोमांच पैदा हो जाता है-कैसी होगी वह दुनिया, कैसे वहाँ जाया जाएगा, कैसे रहा जाएगा, खान-पान, दैनंदिन कार्य और सबसे ऊपर-वहाँ रहकर प्रयोग करना, खोज करना-एक सनसनाहट सी अनुभव करवा देता है|
'अंतरिक्ष की कहानी, अंतरिक्ष यात्रियों की जुबानी’ में अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी शिक्षा के विषय में तथा शिक्षा के दौरान हुई आर्थिक परेशानियों का जिक्र किया है| स्पेस शटल की प्रथम महिला कमांडर के पिता उसे पढ़ाना चाहते थे; लेकिन उनके पास बेटी को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे| बेटी ने छोटी-छोटी नौकरी करके शिक्षा के लिए धन अर्जित किया| जॉन ग्लेन एक प्लंबर के बेटे थे; सभी स्पेस शटलों से यात्रा कर चुके विख्यात सर्जन डॉ. स्टोरी मुसाग्रेव एक किसान के बेटे थे| लेकिन जीवन का यह सत्य है कि प्रतिभा पैसे की मोहताज नहीं होती| अभावों में जीवन जीने के बावजूद ये लोग विश्‍वविख्यात अंतरिक्ष यात्री बने| इसमें अंतरिक्ष अन्वेषण के विभिन्न पहलुओं के बारे में अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा विस्तार से तथा रोचक-प्रश्‍नोत्तर शैली में बताया गया है, जो ज्ञानपरक तो है ही, रोमांचपूर्ण भी है|
अंतरिक्ष की रोचक जानकारियों से भरपूर पठनीय पुस्तक|


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