Us Aangan Ka Akash (उस आँगन का आकाश)

By Mridula Sinha (मृदुला सिन्हा)

Us Aangan Ka Akash (उस आँगन का आकाश)

By Mridula Sinha (मृदुला सिन्हा)

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Specifications

Print Length

148 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2010

ISBN

9789383111367

Weight

270 Gram

Description

प्रकृति, पशु-पक्षी, रीति-रिवाज, जीवन-मूल्य, पर्व-त्योहार और नाते-रिश्तों से हमारा विविध रूप, रंग-रस व गंध का सरोकार रहता है| हमारी प्रकृति व संस्कृति परस्पर पूरक हैं| परस्पर निर्भरता ही इनका जीवन-सूत्र है| हम उनके साथ रिश्तों के सरोकार से विलग नहीं रह सकते| लेकिन बदलते दौर में यह ऊष्मा लगातार कम हो रही है| इन सरोकारों में आई कमी कहीं-न-कहीं हमारे मन को कचोटती है| प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण के लिए इन सरोकारों को बचाए रखना बहुत जरूरी है| यह सच है कि प्रकृति के विभिन्न अवयवों, रूपों और मनोभावों के साथ समायोजन ही मानवीय जीवन है| इस समायोजन में जितनी कमी आएगी, हम इनसे जितना दूर जाएँगे, हमारा जीवन दूभर होता जाएगा| इन दिनों जिसे देखो, बेचैन है| हम अपनी बेचैनी के कारण ढूँढ़ रहे हैं, पर वे मिल नहीं रहे| धन के प्रभाव में कहाँ मिलेगा दुःख और उदासी का कारण| स्थिति हो गई है ‘कस्तूरी कुंडली बसै, मृग ढूँढ़े वन माहिं|’ पुरानी पीढ़ी सब प्रकार के अभावों में भी आनंदित रहती थी| धन का अभाव था; किंतु पशु-पक्षी, नदी-पहाड़, खेत-खलिहान, रिश्ते-नातों का नहीं| प्रकृति के साथ अपनेपन का संबंध अभाव में भी आनंदित करता था| इस पुस्तक में आनंद के इन्हीं सूत्रों को ढूँढ़ने का प्रयास किया गया है|


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