$10.24
Print Length
149 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788173158575
Weight
305 Gram
बच्चे सृष्टि की एक ऐसी नियामत हैं, जिन्हें हर कोई पाना चाहता है| बच्चों के साथ समय बिताना, उनकी बाल-सुलभ क्रीड़ाओं का आनंद लेना अत्यंत सुखद है| माता-पिता बच्चों को संस्कार दे सकते हैं, उनकी कच्ची मिट्टी को सुघड़ आकार दे सकते हैं और भविष्य का एक सफल नागरिक बना सकते हैं|
अभिभावक ही बच्चों को एक सार्थक दिशा प्रदान करते हैं| प्रस्तुत पुस्तक में इस विषय पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है कि विद्यालय की गतिविधियों में अभिभावकों की सहभागिता किस प्रकार हो| इसमें बच्चों के संपूर्ण व संतुलित विकास के लिए जो छोटी-छोटी बातें अभिभावकों के लिए कही गई हैं, उनके अनुपालन से बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व और प्रतिभा में निखार आएगा|
इसे पढ़ते समय आपको अहसास होगा कि आप पहले से ही बच्चों के पालन-पोषण में बहुत से सुझाव अमल में ला रहे हैं| यह आपके ‘आँखों के तारे’ को आपके समीप लाने का एक विनम्र प्रयासहै|
प्रतिदिन एक सुझाव का अध्ययन करें, उस पर विचार करें, चिंतन-मनन करें, उसे आत्मसात् करें और फिर उसे अपना स्वभाव बना लें| तब आप अपने कार्य-कलापों में गुणात्मक परिवर्तन पाएँगे, जो आपके लाल के चहुँमुखी विकास में अधिक मददगार होगा|
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