इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर - जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। अख़्तर शीरानी बीसवीं सदी की उर्दू शायरी में अख़्तर शीरानी की जगह सबसे बड़े रोमांटिक शायर की है। वे प्रकृति की खूबसूरती को नारी की शक्ल देकर अपनी शायरी में सँवारते हैं और यह नारी ही उनकी शायरी की आत्मा है और आकार भी। कहीं वह सलमा के रूप में, तो कभी रेहाना के रूप में और कभी शीरीं के रूप में हमारी संवेदना में घुलती है।
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani (लोकप्रिय शायर और उनकी शायरी - अख्तर शीरानी)
Author: Prakash Pandit (प्रकाश पंडित)
Price:
$
3.60
Condition: New
Isbn: 9789386534064
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Poerty,General,
Publishing Date / Year: 2017
No of Pages: 128
Weight: 208 Gram
Total Price: $ 3.60
Reviews
There are no reviews yet.