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Doosra Ishq (दूसरा इश्क)

Price: $ 4.55

Condition: New

Isbn: 9789386534439

Publisher: Rajpal and sons

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Poerty,General,

Publishing Date / Year: 2018

No of Pages: 144

Weight: 224 Gram

Total Price: $ 4.55

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इश्क़ को लेकर हर शायर की अपनी-अपनी समझ और कल्पना है, और इश्क़ से आगे दूसरा इश्क़ क्या है, पढ़िए युवा शायर इरशाद ख़ान ‘सिकन्दर’ की इन ग़ज़लों में। ‘सिकन्दर’ की ग़ज़लों में एक नयापन और अलग-सा ज़ायक़ा है; जहाँ एक तरफ़ वो शायरी की परंपरा के दायरे में रहकर शे’र कहते हैं तो वहीं लफ़्ज़ों के एकदम नये और अनूठे प्रयोग भी करते हैं। ‘सिकन्दर’ की शायरी उनकी गंगा-जमुनी सोच और संवेदना से उभरती है, जिसकी एक बेहतरीन मिसाल है - ज़िन्दगी का विष तो जूँ का तूँ रहा शायरी के कंठ नीले हो गये उर्दू शायरी में ‘विष’ और ‘कंठ’ जैसे विशुद्ध हिन्दी के शब्दों का इतना सहज और सशक्त प्रयोग शायद ही कहीं सुनने-पढ़ने को मिलता है! 1983 में उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार में जन्मे इरशाद खान ने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के ही बहुत कम समय में उर्दू, हिन्दी और भोजपुरी के साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी पुख़्ता पहचान बनाई है। मुशायरों के अलावा रेडियो, टेलीविज़न, म्यूज़िक एल्बम और फ़िल्मी संगीत जगत में भी निरन्तर सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दी पत्रिका लफ़्ज़ का संपादन कार्य भी लम्बे समय से संभालते आ रहे हैं। 2016 में प्रकाशित उनके पहले ग़ज़ल-संग्रह आँसुओं का तर्जुमा को पाठकों और समालोचकों ने खूब सराहा है। ग़ज़लों के उसी सिलसिले को आगे बढ़ाता हुआ पेश है, उनका ये, दूसरा इश्क़ । इरशाद खान ‘सिकन्दर’ दिल्ली में रहते हैं। उनका संपर्क है - info@irshadkhansikandar.com, www.irshadkhansikandar.com