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Chirag Phir Bhi Chirag Hai (चिराग फिर भी चिराग है)

Price: $ 4.55

Condition: New

Isbn: 9789386534477

Publisher: Rajpal and sons

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Poerty,General,

Publishing Date / Year: 2018

No of Pages: 144

Weight: 224 Gram

Total Price: $ 4.55

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चिराग़ फिर भी चिराग़ है जाने-माने शायर कुलदीप सलिल की बेमिसाल शायरी का संकलन है। उनके लेखन में जहाँ पारम्परिक उर्दू शायरी की खुशबू है तो साथ ही वर्तमान परिस्थितियों से जूझने का बोध और बोझ भी। दिलोदिमाग पर छा जाने वाली ये ग़ज़लें, और कविताएँ लम्बे समय तक पाठक को याद रहनेवाली हैं। उर्दू शायरी के अलावा कुलदीप सलिल हिन्दी और अंग्रेज़ी में भी कविता लिखते हैं। 1987 में दिल्ली हिन्दी अकादमी ने उन्हें उनकी कविता के लिए पुरस्कृत किया। उन्होंने ग़ालिब, इक़बाल, फैज़ अहमद ‘फैज़’, अहमद फ़राज़, मीर तकी ‘मीर’ और साहिर लुधियानवी की शायरी का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया है। उनकी पुस्तकें Treasury of Urdu Poetry, Diwan-e-Ghalib, Best of Faiz, Best of Meer, Best of Sahir बहुत ही लोकप्रिय हैं। कुलदीप सलिल का जन्म 30 दिसम्बर 1938 में स्यालकोट (पाकिस्तान) में हुआ। वे अर्थशास्त्र और अंग्रेज़ी में एम.ए. हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में अंग्रेज़ी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रह चुके हैं।