फरहत एहसास, मनीष शुक्ला, मदन मोहन दानिश, शारिक़ कैफ़ी, ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ - समकालीन उर्दू शायरी के पाँच ऐसे सुपरिचित नाम हैं जिन्हें किसी तआरुफ़ की ज़रूरत नहीं है और जो पिछले कई सालों से लगातार अपनी शायरी, खासतौर पर ग़ज़लों से हरदिल अज़ीज़ हो गए हैं। हर शायर का ग़ज़ल कहने का अपना ही अंदाज़ है जो उनको अपनी एक अलग पहचान देता है। ‘कहने में जो छूट गया’ इन पाँच शायरों की उम्दा ग़ज़लों का संकलन है जिनका चयन फ़रहत एहसास ने किया है, साथ ही पुस्तक की भूमिका भी लिखी है। फ़रहत एहसास का कहना है कि ग़ज़ल शायर की अस्ल कर्मभूमि है, जो उसका मैदान-ए-जंग भी है और उसकी हद-ए-इम्कान या संभावना-सीमा भी। अपने शब्दों, ख़यालों-विचारों, महसूसात-अनुभूतियों, संवेदनाओं, जज़्बों-भावों, भावनाओं, ख़्वाबों और आरज़ुओं, स्वप्नों और कामनाओं की पूँजी से अपने रचना-संसार, अपने जहान-ए-तख़्लीक़ की तामीर-निर्माण के दौरान अक्सर इस तख़्लीक़-कार-रचनाकार को अपने अन्दर के ख़्वाब और सच्चाई के साथ बाहर के यथार्थ-हक़ीक़त के दरमियान टकराव और संघर्ष की स्थितियों से गुज़रना पड़ता है।’’ फ़रहत एहसास के इस पैमाने पर ग़ज़ल के मैदाने-जंग में ये पाँचों शायर खरे उतरते हैं। इस किताब की ग़ज़लों से गुज़रते हुए पाठक ज़िन्दगी के सारे रंगों, सारे जज़्बात, हालात, फलसफ़े, हकीक़त, ग़म और खुशी से रूबरू होता है।
Kahne Mein Jo Choot Gaya (कहने में जो छूट गया)
Author: Farhat Ehsaas (फरहत एहसास)
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$
4.72
Condition: New
Isbn: 9788195297528
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Poerty,General,
Publishing Date / Year: 2021
No of Pages: 128
Weight: 208 Gram
Total Price: $ 4.72
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