Boond-Boond Mein Pyaas: Gazal - Sangrah (बूंद - बूंद में प्यास: गजल-संग्रह)

By Abhishek Jain 'Abodh' (अभिषेक जैन 'अबोध')

Boond-Boond Mein Pyaas: Gazal - Sangrah (बूंद - बूंद में प्यास: गजल-संग्रह)

By Abhishek Jain 'Abodh' (अभिषेक जैन 'अबोध')

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Specifications

Genre

Poetry

Print Length

158 pages

Language

Hindi

Publisher

Manjul Publication

Publication date

1 January 2024

ISBN

9789355437259

Weight

0.53 Pound

Description

ज़रा मुश्किल नहीं आई, पसीना छूट जाता है। भरोसा मत करो इतना, यकीनन टूट जाता है ।। निभाई खूब थी यारी, सदा व्यापार में मैंने । उधारी में दिया पैसा, जमाना लूट जाता है ।। बड़ा माहिर खिलाड़ी था, सफाई हाथ में उसके । नहीं जब वक्त अच्छा हो, सिपाही कूट जाता है । बड़े ही प्यार से पाला, हृदय के चंद टुकड़ों को । ज़रा से पर निकल आए, घरौंदा छूट जाता है ।। उछाला मत करो कीचड़ किसी के पाक दामन पर । बिना आवाज़ के अक्सर यहाँ दिल टूट जाता है ।। बड़ा सीधा, बड़ा भोला, बड़ा नादान था ये मन । जला हो दूध से कोई पिया ना घूँट जाता है ।।


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