जिस ध्वनि से जीवन बना, आज वही जीवन का अंत करने पर आमादा है| क्यों? इस पुस्तक में ध्वनि के विभिन्न रूपों तथा वर्तमान समय में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण, उसके दोष और उपचारों का सरल भाषा में वर्णन किया गया है| आज का मानव कर्णकटु ध्वनि के बीच जी रहा है| मोटर और रेलगाडि़यों का शोर, जेट वायुयानों का शोर, मंदिर-मसजिद और सभा-सोसाइटियों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का शोर, टी.वी.-टेपरिकार्डर का शोर मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं| बहरेपन से लेकर हार्ट अटैक तक की बीमारियाँ इन्हीं ध्वनि प्रदूषणों का परिणाम हैं| जो ध्वनि जीवन के लिए अत्यावश्यक है, वही आज प्रदूषित होकर जीवन का अंत करने पर आमादा है| इस प्रदूषण के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं तथा इससे मुक्ति कैसे मिल सकती है, इसी का वैज्ञानिक विवेचन सरल-सुबोध भाषा में इस पुस्तक में किया गया है| स्थान-स्थान पर दिए गए चित्र विषय को समझने में उपयोगी सिद्ध होंगे|
Dhwani Pradushan (ध्वनि प्रदुषण)
Author: D. D. Ojha (डी. डी. ओझा)
Price:
$
7.00
Condition: New
Isbn: 9789386054180, 818582908X
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Science and Technology,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 91
Weight: 195 Gram
Total Price: $ 7.00
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