शतरंज के बारे में लोगों की अकसर यह धारणा है कि यह खेल एक लत की भाँति बुरी तरह चिपक जाता है| इस संदर्भ में लोग नवाबों के उदाहरण देते हैं| इसलिए लोग इसे अपने घर में घुसने नहीं देना चाहते| यह तर्क ऊपर से देखने में ठीक लगता है| लेकिन आप इस बात से सहमत होंगे कि भोजन भी एक नशे से कम नहीं है, फिर भी हम उसका सम्मान करते हैं| इस खेल के मनोविज्ञान को यदि सब लोग समझ जाएँ तो ऐसा पूर्वग्रह दूर हो सकता है| जिसे हम सुख या आनंद कहते हैं, वह एकाग्रता में है और इस बारे में सभी एकमत हैं कि शतरंज में एकाग्रता अपने चरम पर होती है| जो चंचल है, वह शतरंज खेलने में सफल हो ही नहीं सकता| प्रस्तुत पुस्तक पाठकों को शतरंज खेलने से संबंधित प्रारंभिक जानकारी देने की एक कोशिश है| आप इसे पढ़ें और इसके अनुसार अभ्यास करें तो निश्चय ही आप में सोई प्रतिभा का अंकुरण होगा| एक बात ध्यान देने योग्य है कि बच्चे कोई वस्तु नहीं हैं| उन्हें अपने तरीके से आगे बढ़ने दीजिए| उनकी रुचि को समझकर उस दिशा में उनका सहयोग कीजिए, ताकि वे अपनी विशेषताओं का पूर्णरूप से विकास कर पाएँ| इस पुस्तक को लिखते समय लेखक ने एक सामान्य पाठक को, जो इसे खेल के लिए खेलना चाहता है, तो सामने रखा ही है, विशेष रूप से उन्हें शतरंज के बारे में प्रारंभिक जानकारी देने की कोशिश की है, जो इसे अपने कैरियर के रूप में अपनाना चाहते हैं या अपने कैरियर का आधार बनाना चाहते हैं| शतरंज को जानने-समझने एवं अपने आप में निखार लाने में सहायक एवं मार्गदर्शक पुस्तक|
Shatranj Khelana Seekhen (शतरंज खेलना सीखें)
Author: Vivek Anand (विवेक आनंद)
Price:
$
10.24
Condition: New
Isbn: 9789380186412
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Sports,
Publishing Date / Year: 2011
No of Pages: 160
Weight: 305 Gram
Total Price: $ 10.24
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