कहते हैं, अनिच्छा से चुना गया कैरियर सफल नहीं होता, पर लगन और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता हो तो क्या नहीं हो सकता! विदेश पढ़ने न जाने देने के अपने पिता डॉ. मानेकशॉ के निर्णय का विरोध करने के लिए सैम ने सेना में कमीशन लिया, और अपने अदम्य साहस, नेतृत्व कौशल और कुशल प्रशासनिक क्षमता के बल पर भारत के पहले फील्ड मार्शल बने| बर्मा में गंभीर रूप से घायल होने के कारण युद्ध में साहस और वीरता के लिए उन्हें ‘मिलिट्री क्रॉस’ से सम्मानित किया गया| तदुपरांत उन्हें अनेक महत्त्वपूर्ण दायित्व सौंपे गए| इससे उनकी प्रतिभा निखरी और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ी, जिसने उन्हें उच्च कमान करने में दक्ष बनाया| अपने पूरे कैरियर के दौरान फील्ड मार्शल ने अतुल्य नैतिक साहस दिखाकर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया|
Field Marshal Sam Manekshaw (फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ)
Author: Shubhi Sood (शुभी सूद)
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$
25.00
Condition: New
Isbn: 9788173157103
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Memoir and Biography,War and Terrorism,
Publishing Date / Year: 2016
No of Pages: 280
Weight: 450 Gram
Total Price: $ 25.00
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