ग़ज़ल अपने शायर को हर लम्हा रूमान में भी रखती है और इम्तिहान में भी I ग़ज़ल चाहती है कि उसका शायर हर मंज़र के होने को न सिर्फ़ तस्लीम करे... बल्कि उसे इस शिद्दत से महसूस करे कि मंज़र खुद उसे अपने पसमंज़र तक ले जाये... उसकी निगाह हैरान हो... वो देखे हुए के सरहद से आगे निकल कर उन नई सिम्तों को ईजाद करे जो उसे गुमशुदा मंज़िलों का सुराग दें I ग़ज़ल की इन ख़्वाहिशों को रूप देने के लिए मदन मोहन दानिश के तजरुबों ने उनका साथ निभाया I उनकी रचनाओं में तजरुबों के साथ-साथ आने वाले कल की तस्वीर भी तसव्वुर में झिलमिलाती है और कल को बेहतर बनाने का ख्वाब भी दिखती हैं I मदन मोहन दानिश उर्दू शायरी की दुनिया का वो नाम हैं जो अपने मख़सूस लहजे और ख़ास डिक्शन की वजह से अलग से पहचाना जाता है. मुश्किल से मुश्किल बात को भी आसानी से कह देने का कमल मदन मोहन दानिश को हासिल है. दानिश की शायरी ज़िन्दगी के मुख़्तलिफ़ रंगों से सजा हुआ एक ऐसा कोलाज है जिसमें हर आदमी को अपना रंग नज़र आता है. यही वजह है कि दानिश की शायरी की ख़ुशबू मुल्क की सरहदों से होती हुई दुनिया के तमाम मुल्कों में फ़ैल चुकी है. दानिश की ग़ज़ल का आज की ज़िन्दगी से रिश्ता है. इस रिश्ते को उन्होंने ग़ज़ल के तवील इतिहास के शऊर से ज़ियादा पुख़्ता बनाया है. दानिश की ग़ज़ल में ये उड़ान उनकी ज़िन्दगी की तरह उनकी अपनी तलाश है, जिसके रिश्ते की बुनियाद वो समाजी रवैया है जो व्यक्ति और समाज के सम्बन्धों को नए सिरे से पहचानने का सहस करता है. - निदा फ़ाज़ली
Aasma Fursat Mein Hain Forthcoming (आस्मां फुर्सत में है)
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10.34
Condition: New
Isbn: 9789381506493
Publisher: Manjul Publication
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Poetry,
Publishing Date / Year: 2018
No of Pages: 175
Weight: 275 Gram
Total Price: $ 10.34
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